मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से सभी जिलों के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश में बारिश के कारण संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए विभिन्न प्रबन्धों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भारी बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति में आपदा प्रबन्धन के लिए पूर्ण तैयारियां करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूस्खलन और अन्य तरह की आपदा के दृष्टिगत संभावित स्थलों में पर्याप्त संख्या में लोग एवं मशीनरी तैनात की जाए।उन्होंने प्रदेश में नदियों के किनारे स्थित कैंपिंग स्थलों पर सुरक्षा के मद्देनजर समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित किसी भी कार्य में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने आपदा प्रबन्धन के लिए जिला व उपमण्डल स्तर पर त्वरित प्रक्रिया दलों तथा आपातकालीन परिचालन केन्द्रों को 24 घंटे कार्यशील रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूस्खलन या भारी बारिश के कारण प्रभावित हुई सड़कों की मुरम्मत तुरंत की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि पर्यटकों को आपदा संभावित स्थलों में जाने के सम्बन्ध में सावधानी बरतने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि पर्यटकों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े तथा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों को प्रदेश में सेब सीजन के दृष्टिगत भी सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात परिचालन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए समयबद्ध कदम उठाए जाएं ताकि बागवानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति की भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए जरूरी उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों से आपदा प्रबन्धन की तैयारियों और कोरोना की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा, मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं प्रधान निजी सचिव डॉ. आर.एन. बत्ता, मिशन निदेशक एनएचएम हेम राज बैरवा मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे, जबकि मुख्य सचिव रामसुभग सिंह बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।