“जोइया मामा मानदा नहीं, कर्मचारी री शुणदा नहीं’ ये नारा हिमाचल प्रदेश में खासा सुर्ख़ियों में रहा। ओल्ड पेंशन को लेकर हाल ही में शिमला में हुए प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों द्वारा ये नारा लगाया गया था। इस नारे को इजात करने वाले शिक्षक ओम प्रकश सहित 4 शिक्षकों का सरकार ने दूरदराज क्षेत्रों में कर दिया था। शिक्षक ओमप्रकाश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक को राहत देते हुए उन्हें उनके पसंद के स्टेशन में तबादला कर दिया। अब शिक्षक ओमप्रकाश कुपवी के राजकीय उच्च पाठशाला में अपनी सेवाएं देंगे। कोर्ट में याची के अधिवक्ता कुलभूषण खजूरिया ने दलील दी थी कि वह दो बार प्रदेश के दूरदराज, हार्ड एरिया में सेवाएं दे चुके हैं।
बता दें कि तबादला नीति के अनुसार जिसने भी यह समय पूरा कर लिया है, उसे दोबारा ऐसे क्षेत्र में नहीं भेजा जा सकता है। सरकार ने ओम प्रकाश को सिरमौर के हलांह स्कूल से शिमला की ननखड़ी तहसील की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोली के तहत मिडल स्कूल सरोग ट्रांसफर कर दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर ओमप्रकाश को सिरमौर जिले के सीमावर्ती शिमला जिले की कुपवी तहसील में राजकीय उच्च पाठशाला बाग स्टेशन दिया है।