हिमाचल : नाइजीरियन व्यक्ति को अदालत ने सुनाई कठोर कारावास की सजा, जानें क्या है पूरा मामला

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सिरमौर मुख्यालय नाहन के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट डा. पार्थ जैन की अदालत ने अवैध रूप से भारत (India) में रह रहे एक नाइजीरियन व्यक्ति को 3 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सहायक जिला ने न्यायवादी आरके शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में पुलिस (Police) थाना सदर नाहन के तहत एक नाइजीरियन व्यक्ति को बिना वीजा के अवैध रूप से रहते हुए पकड़ा गया था। यह मामला नाहन पुलिस ने एक अन्य मामले की छानबीन करने के बाद दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी जान किंग्स्टन चिजियोके के पासपोर्ट वीजा तथा उसके भारत में आने संबंधी सभी तथ्यों की बारीकी से छानबीन की।

छानबीन के बाद पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया। अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर जान किंग्स्टन चिजियोके निवासी उमुओकोरोकोरो नाइजीरिया (Nigeria) को विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत दोषी पाया। सभी पक्षों की सुनवाई के बाद विदेशी नागरिक को बिना वीजा के भारत में रहने का दोषी पाया गया। इस पर उसे अदालत (Court) ने तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। सहायक जिला न्यायवादी आरके शर्मा ने बताया कि जान किंग्स्टन चिजियोके वर्ष 2012 में नाइजीरिया से दिल्ली (Dehli) आया था। दिल्ली में वह 2012 से ऑनलाइन ट्रेडिंग कर रहा था। वर्ष 2016 में उसका वीजा समाप्त हो गया है और उसने अपना वीजा नवीनीकृत नहीं करवाया था। जान किंग्स्टन चिजियोके (John Kingston Chijioke) 2016 से अवैध रूप से भारत में रह रहा था। जान किंग्स्टन चिजियोके जांच के दौरान कोई वैध दस्तावेज पुलिस व कोर्ट में पेश नहीं कर पाया। इसके बाद उसे अदालत ने कठोर कारावास की सजा सुनाई है।


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