शिमला: प्रदेश में मौसम साफ, कई इलाकों से मानसून की विदाई शुरू

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हिमाचल प्रदेश में तीन महीने तक तबाही मचाने वाला मानसून अब कमजोर पड़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले एक हफ्ते तक ज्यादातर इलाकों में आसमान साफ रहेगा। सोमवार से राज्य के कई हिस्सों में मानसून की आधिकारिक विदाई भी शुरू हो जाएगी। रविवार को अधिकांश जिलों में धूप खिली रही, जबकि कुछ इलाकों में हल्के बादल छाए। बीते 24 घंटों में केवल कांगड़ा के देहरा क्षेत्र में 1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। विभाग ने 22 और 23 सितंबर को पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है। वहीं, 24 और 25 सितंबर को कांगड़ा, शिमला और सिरमौर में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि बाकी जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। 26 और 27 सितंबर को भी पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है।

तीन महीने की तबाही: भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटना

इस बार का मानसून हिमाचल के लिए कहर साबित हुआ। भारी बारिश, भूस्खलन, बादल फटना और बाढ़ जैसी आपदाओं ने राज्य को बुरी तरह झकझोर दिया। आंकड़ों के मुताबिक, मानसून सीजन के दौरान 148 बार भूस्खलन, 98 बार फ्लैश फ्लड और 47 बार बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुईं। इन हादसों में 448 लोगों की जान चली गई, 496 लोग घायल हुए और 47 अब तक लापता हैं। अब जबकि मानसून कमजोर पड़ रहा है, सरकार और प्रशासन के सामने राहत और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।

सड़कें और सेवाएं अब भी बाधित

मानसून की विदाई भले ही शुरू हो चुकी हो, लेकिन मुश्किलें खत्म नहीं हुईं। अब भी राज्य में 2 राष्ट्रीय राजमार्ग और 371 संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। कुल्लू और ऊना में एनएच अवरुद्ध हैं, जबकि कुल्लू में 109 और मंडी में 127 सड़कों पर यातायात ठप है। बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई है। वर्तमान में 53 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं—जिनमें चंबा के 21, कुल्लू के 16 और मंडी के 14 शामिल हैं। पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित है; 73 योजनाएं अब तक बाधित हैं, जबकि बाकी को बहाल किया जा चुका है।

4800 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

लगातार बारिश और आपदाओं ने हजारों परिवारों को उजाड़ दिया। अब तक 1,691 मकान पूरी तरह ढह गए, जबकि 7,289 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अनुमान है कि प्रदेश को 4,841.79 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक क्षति लोक निर्माण विभाग की सड़कों और पुलों को हुई है, जिनका नुकसान करीब 2,981.13 करोड़ रुपये आँका गया है। इसके अलावा जलशक्ति विभाग को 1,463.85 करोड़ रुपये और बिजली विभाग को 139.46 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।


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