कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और ऊना दुग्ध संयंत्रों की क्षमता की जाएगी 20-20 हजार लीटर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य दुग्ध उत्पादक प्रसंघ (मिल्कफेड) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ढगवार दुग्ध संयंत्र के निर्माण से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं और इसका निर्माण समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। इससे क्षेत्र की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें दुग्ध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों की भूमिका अहम है। प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े हितधारकों को सशक्त करने पर विशेष अधिमान दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और दुग्ध संयंत्र ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर की जाए। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण में तेजी लाई जाए और पंजीकरण प्रक्रिया में किसानों को हर सम्भव सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने किसानों के क्षमता निर्माण और दुग्ध गुणवत्ता पर विशेष ध्यान कंेद्रित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने दुग्ध विपणन प्रक्रिया व इसके परिवहन का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिल्कफेड के ट्रेडमार्क हिम का भारत सरकार द्वारा पंजीकरण कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं जिनके 47905 सदस्य हैं। इनमें महिलाओं की
संख्या 19388 है। वर्तमान में प्रदेश में 11 दुग्ध उत्पादन संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर स्थापित हैं। मिल्कफेड द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से दुग्ध एकत्रीकरण के गुणवत्ता मापदण्डों में आशातीत बढ़ोतरी हुई है।
कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि दुग्ध गतिविधियों को सशक्त करने के लिए समितियों का पंजीकरण नितांत आवश्यक है। इससे किसानों का सशक्तिकरण होगा। उन्होंने कहा कि मिल्कफेड को सशक्त करने के लिए गुणवत्ता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास सूद, निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ प्रबंधक प्रीति आर्या और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।