हिमाचल में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव36 ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थानों में 157 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में व्यवस्था परिवर्तन की ओर अग्रसर हिमाचल सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। इस पहल में ग्रामीण क्षेत्रों के 36 स्वास्थ्य संस्थानों में 157 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए गए हैं। 22 स्वास्थ्य संस्थानों को 6 या इससे अधिक विशेषज्ञ के साथ सुदृढ़ किया गया है जबकि 7 स्वास्थ्य संस्थानों में 5 विशेषज्ञ और 6 संस्थानों में 4 विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य मुख्यमंत्री द्वारा अपने पहले बजट में की गई घोषणा के अनुरूप प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से ‘आदर्श स्वास्थ्य संस्थान’ स्थापित करना है। प्रदेश सरकार धरातल पर स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत कर सभी के लिए बेहतर और सुविधाजनक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कर रही है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा स्वास्थ्य विभाग को चरणबद्ध तरीके  से प्रदेश भर में ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थानों का मजबूत ढांचा विकसित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनात करने और अत्याधुनिक उपकरणों को अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है। प्रारंभिक चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में 157 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के साथ-साथ उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत 36 स्वास्थ्य संस्थानों को शामिल किया गया है। इससे आमजन को उपचार के लिए जिला व राज्य स्तर के बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस पहल के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों, एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे सुविधाओं सहित अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण और 134 लैब टेस्ट सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार पर विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों पर स्थानीय निवासियों की निर्भरता को कम करने का प्रयास किया गया है। यह रणनीतिक बदलाव न केवल जनता के लिए समय और पैसा बचाने के लिए उपयोगी बल्कि राज्य के प्रतिष्ठित स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों को भी सुदृढ़ करेंगे।
ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ करने से चिकित्सा महाविद्यालयों में उपचार के लिए आने वालों की संख्या कम होगी, जिससे उनकी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में और वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने के साथ-साथ, राज्य भर के मुख्य अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में उन्नत तकनीक का समावेश किया जाएगा। चिकित्सा महाविद्यालयों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की बढ़ोतरी से मरीजों को उपचार के लिए पहले की अपेक्षा कम प्रतीक्षा करनी होगी।
रोबोटिक सर्जरी की सुविधा प्रदेश के लोगों को शीघ्र मिले इसके लिए दृढ़ प्रयास किए जा रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी को चरणबद्ध तरीके से सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में कार्यान्वित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस प्रयास में पर्याप्त प्रगति की है, और यह सुविधा जल्द ही शुरू की जाएगी। चिकित्सा महाविद्यालयों में विश्व स्तरीय चिकित्सा प्रौद्योगिकी उपलब्ध करवाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। आईजीएमसी (शिमला), चमियाना (शिमला), टांडा (कांगड़ा) नाहन, चंबा और नेरचौक, हमीरपुर के चिकित्सा महाविद्यालयों में यूरोलॉजी, सामान्य शल्य चिकित्सा, गायनोकोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और गैस्ट्रो सर्जरी जैसे विभागों में रोबोटिक सर्जरी सुविधा चरणबद्ध तरीके से आरम्भ करने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समग्र दृष्टिकोण का उद्देश्य राज्य के लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।


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