सरकार और नगर निगम में क़ाबिज़ कांग्रेस की नाकामी है शिमला में पेय जल संकट : जयराम ठाकुर
पिछली सरकार में एक दिन पानी न मिलने पर जो नेता बाल्टियां लेकर सड़क पर आ जाते थे अब कहां गये
हमने रिकॉर्ड समय में चाबा परियोजना को पूरा कर शिमला का पेयजल संकट ख़त्म किया था
शिमला में भी पानी की कमी से हाहाकार मचा हुआ है, बाकी जगहों का हाल भगवान जाने
फिर से पीलिया फैलने का बढ़ा ख़तरा, प्रभावी कदम उठाए सरकार
हमने पूर्व सरकार में पेयजल सप्लाई सुदृढ़ की लेकिन वर्तमान के जवाबदेह उसे भी ढंग से नहीं चला पाए
शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला में पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है। कई जगहों पर हफ़्ते से भर से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी पानी नहीं आया है। राजधानी में पानी की कमी से हाहाकार मचा हुआ है। सरकार में बैठे लोग अपने में मस्त हैं। राज्य और नगर निगम में दोनों जगह की कांग्रेस का शासन है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह कांग्रेस की नाकामी है। यह हाल यदि प्रदेश की राजधानी में हैं तो बाक़ी जगहों पर क्या स्थिति होगी वह ईश्वर ही जाने। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय ही हमने प्रदेश में पेयजल के आपूर्ति की सुदृढ़ व्यवस्था की थी जिससे किसी भी स्थिति में पेयजल का संकट न आये। कांग्रेस सरकार हमारे द्वारा बनाई गई व्यवस्था को भी सुचारु रूप से नहीं चला पा रही है। उन्होंने कहा कि सोलन में भी कई वार्ड्स ऐसे हैं जहां पर हफ़्तों से पानी नहीं आया है, कई वार्ड्स में पानी को बिना क्लीनिंग एजेंट्स से ट्रीट किए पानी की सप्लाई हो रही है। लोग परेशान हैं। इस तरह के असुरक्षित पानी से पीलिया का ख़तरा बहुत बढ़ जाता है। इसलिए सरकार से निवेदन है कि लोगों की जान से खिलवाड़ न करे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व सरकार में हमने शिमला में पेयजल संकट न आए इसके लिए रिकॉर्ड समय में सत्तर करोड़ की लागत से चाबा परियोजना को पूरा किया था। चाबा परियोजना के पूरा हो जाने के बाद से कभी भी शिमला में पेयजल का संकट नहीं हुआ। वर्तमान में नगर निगम और राज्य में भी कांग्रेस की सरकार है। सरकार और कांग्रेस पार्टी के नेता आपस में ही एक दूसरे की खींचतान में व्यस्त हैं और प्रदेश के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूर्व सरकार में अगर एक दिन पानी नहीं आता था तो वर्तमान सरकार के कुछ नेता बाल्टियां लेकर सड़ाकों पर उतर आते थे। आज वह सभी नेता कहां गये जब प्रदेश की राजधानी में ही दस दिन से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है। उन्हें आज भी प्रदेश के लोगों के हितों में आवाज़ उठानी चाहिए, अपनी सरकार से कहना चाहिए कि शिमला के लोग त्रस्त हैं इसलिए पेजयल के आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बारिश के समय में प्रदेश की राजधानी में यदि पानी की सप्लाई नहीं हो रही है तो यह बहुत चिंताजंक स्थिति है। मजबूर होकर लोग टैंकर का पानी मंगवा रहे हैं। निजी टैंकर लोगों की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर मनमाना दाम वसूल रहे है। एक तरफ़ नए साल में ही कांग्रेस सरकार ने पानी की दरों में 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर दी थी और अब लोगों को टैंकर से मनमाने रेट में पानी ख़रीदना पड़ रहा है। सरकार की नाकामी की वजह से प्रदेश के लोगों को दोहरी मार पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और नगर निगम में बैठे लोग अति शीघ्र प्रदेश भर में पेयजल की आपूर्ति कि व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जब शहरों का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि यह स्थिति राजधानी की है तो ग्रामीण इलाक़ों का क्या हाल होगा उसका आसानी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत से गाँवों में आपदा के बाद से पानी नहीं पहुंचा है, लोग आसमान के पानी से अपना काम चलाने को मजबूर हैं। आपदा से प्रभावित बहुत लोगों तक कोई राहत नहीं पहुंची है।
पीलिया के बढ़ रहे हैं मामले, प्रभावी कदम उठाए सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आईजीएमसी में हर रोज़ पीलिया के कई मामले दर्ज हो रहे हैं, यह संख्या सामान्य से ज़्यादा है। इसलिए सरकार इस मामले का संज्ञान ले और मामले की तह तक जाए और इसकी रोकथाम के लिए अतिशीघ्र प्रभावी कदम उठाए। प्रदेश भर में सप्लाई किए जा रहे पानी की अविलंब जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पीलिया का मामले बढ़ रहे हैं वहां आपूर्ति किए जा रहे पानी की जांच करवाए। जिन क्षेत्रों में पीलिया के मामले सामने आ रहे हैं उन क्षेत्रों में सरकार पीलिया की रोकथाम के लिए अभियान चलाए।