हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। आस्था और श्रद्धा का पर्व नवरात्रि आज 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक रहेंगे। देवी पुराण के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र आती है।
हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। आस्था और श्रद्धा का पर्व नवरात्रि 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होकर 21 अप्रैल तक रहेंगे। देवी पुराण के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्र आती है। वर्ष के प्रथम महीने अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्रि होती है जिसे चैत्र नवरात्रि या बड़ी नवरात्रि कहते हैं। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होती है जिसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इसके बाद अश्विन मास में तीसरी और प्रमुख नवरात्रि होती है जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं। इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में चौथी नवरात्रि आती है जिसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।
पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल मंगलवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व शुभारंभ होगा। पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल को घटस्थापना की जाएगी। इस दिन घटस्थापना का मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। नवमी की तिथि 21 अप्रैल को पड़ेगी। वहीं नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को किया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के पावन दिनों में मां धरती पर ही निवास करती हैं। मां का वाहन शेर होता है, लेकिन नवरात्रि के पावन मौके पर माता धरती पर किसी ना किसी वाहन पर सवार होकर आती है। देवीभागवत पुराण के अनुसार मां दूर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है।
मान्यता के अनुसार अगर नवरात्रि का प्रारंभ रविवार, सोमवार से हो रहा है तो मां हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार, मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार, शुक्रवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो मां डोली में बैठकर आती हैं। वहीं दिय बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं। इस बार नवरात्रि मंगलवार से प्रारंभ हो रही हैं, इसलिए मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा का घोड़े पर आना शासन और सत्ता के लिए अशुभ माना गया है। हालांकि देवी की विदाई को शुभ माना गया है।