मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के समान और संतुलित विकास के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है। वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में पहला राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस कार्यक्रम स्पीति स्थित काजा में आयोजित करने का निर्णय जनजातीय क्षेत्रों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हिमाचल प्रदेश के गठन के 75 वर्ष बाद काजा में यह राज्य स्तरीय कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया जा रहा है।
प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ निरंतर प्रयास कर रहे ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस निर्णय से जनजातीय क्षेत्रों के विकास, महत्व और लोगों के प्रति प्रदेश सरकार की संवेदनशील सोच भी प्रदर्शित होती है।
इस क्षेत्र के तीन दिवसीय प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री कई स्थानों पर जन समस्याएं सुनेंगे और लोगों से रू-ब-रू होंगे। इस दौरान वह पुरानी धनकर मोनेस्ट्री, काजा मोनेस्ट्री और की-मोनेस्ट्री के दर्शन भी करेंगे।
मुख्यमंत्री का स्पीति का यह दौरा क्षेत्र के विकास के दृष्टिगत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह इस क्षेत्र के भ्रमण के दौरान लोगों की वास्तविक समस्याओं और आवश्यकताओं का नज़दीक से विश्लेषण कर पाएंगे। इससे क्षेत्र की विकासात्मक योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने में प्रदेश सरकार को मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के लोग हर त्यौहार, उत्सव और राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों को नई उमंग के साथ मनाते हैं। लाहौल-स्पीति जिला में 15256 फुट की ऊंचाई पर स्पीति स्थित ताशीगंग मतदान केन्द्र विश्व का सबसे ऊंचा मतदान केन्द्र है। लोकतंत्र के महोत्सव विधानसभा निर्वाचन-2022 में इस मतदान केन्द्र पर शत-प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। जो इस क्षेत्र के लोगों की देश के प्रति प्रतिबद्धता और कर्तव्य परायणता का परिचायक है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए सदैव ही संवेदनशील रहे हैं। इसी के दृष्टिगत उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 857.14 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके साथ-साथ जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रीय योजनाओं में 335 करोड़ रुपये का परिव्यय भी प्रस्तावित किया गया है।
प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सभी क्षेत्रों में वर्तमान में मिल रही मनरेगा दिहाड़ी को 212 रुपये से बढ़ाकर 240 रुपये करने की घोषणा की है। जनजातीय क्षेत्रों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों में मनरेगा के तहत मिलने वाली दिहाड़ी को 266 रुपये से बढ़ाकर 294 रुपये करने की घोषणा की है।
वर्तमान प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के लोगों का कल्याण और विकास सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।