हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार हिमाचल की विशाल ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देने, विकसित करने और उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से, हिमाचल प्रदेश सरकार जल, हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा के दोहन से हरित उत्पादों पर स्विच करके देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जो निर्यात वस्तु में मूल्य को बढ़ावा देगा। राज्य सरकार वर्तमान प्रणाली के नवीनीकरण पर जोर दे रही है और राज्य के हित में हरित ऊर्जा के दोहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है ।
राज्य सरकार के दूरगामी विजन के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) 200 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन की ओर अग्रसर है । एचपीपीसीएल ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निष्पादन के लिए पहले ही सरकारी भूमि की पहचान कर ली है। हालांकि, निजी भूमि की पहचान के लिए, हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने 16.03.2023 को 400 हेक्टेयर तक की एकमुश्त खरीद या 28 साल के लिए पट्टे के लिए निजी भूमि हेतू निविदाएं आमंत्रित की है। इस भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने के लिए दी गई भूमि की सभी आवश्यक वैधानिक मंजूरी शामिल है जिसमें 28 वर्षों के लिए खरीद या पट्टे के लिए प्रस्तावित भूमि का क्षेत्रफल 15 हेक्टेयर से कम नहीं होना चाहिए और किसी भी स्थान पर प्रस्तावित भूमि की न्यूनतम चौड़ाई और सामने वाला भाग 30 मीटर होना चाहिए जिसमें कम से कम जीप योग्य सड़क हो। चिन्हित की गई भूमि सौर उर्जा सयंत्र की स्थापना के लिए उपयुक्त होनी चाहिए ।
सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भूमि की परिधि के चारों ओर चैन लिंक फेंसिंग शामिल है। इसके लिए आमंत्रित निविदा सूचना हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की वेबसाइट www.hppcl.in पर निशुल्क उपलब्ध है। विस्तृत निविदा https://www.tenderwizard.com/HPPCL पर पंजीकरण और निर्धारित लागत के भुगतान के बाद डाउनलोड की जा सकती है। निविदा प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 1 अप्रैल 2023 रखी गई है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड प्रदेश की पहली पांच मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित कर चुका है। यह परियोजना नैना देवी के निकट बेराडोल में स्थापित है। यह परियोजना वर्ष 2019 में स्थापित की गई और इस परियोजना से अच्छा विद्युत उत्पादन हो रहा है।