राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला शहर के विकास नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर पाठशाला के विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए उन्हें राष्ट्र के महान स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित पुस्तकें पढ़ने की सलाह दी।राज्यपाल आज प्रातः विद्यार्थियों के साथ संवाद कार्यक्रम के तहत सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल पहुंचे और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों के बीच एक शिक्षक के रूप में कक्षा का संचालन किया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अवकाश के दिनों में बिताए गए समय और पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी, वृक्षारोपण और समाचार पत्र पढ़ने इत्यादि के बारे में उनकी रुचि से संबंधित कई प्रश्न भी पूछे।उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी बौद्धिक संपत्ति और विरासत हैं। यह हमें ज्ञान प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें उपलब्ध हैं, और उनसे मित्रता करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अच्छी पुस्तकों को घर में जरूर स्थान दें और पुस्तकों के पठन पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकें भेंट की और पत्र भेजकर पुस्तकों से अर्जित ज्ञान के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा। उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें विद्यार्थियों को इसलिए दी गईं हैं, ताकि उनमें पढ़ने की आदत विकसित हो सके।इसके पश्चात, राज्यपाल ने स्कूल के शिक्षकों से भी संवाद किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पुस्तक मेलों आदि में ले जाने की व्यवस्था की जाए ताकि उनमें पुस्तकों के प्रति रूचि पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी यह विषय माता-पिता के समक्ष रखना चाहिए।