शिमला. प्रदेश की सियासत में सत्ता का संघर्ष शुरु हो गया। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश का दौरा कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यों की प्रशंसा कर पीठथपथपाई। सियासत में यह संदेश गया कि अब भाजपा सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की कोई गुजाइश नहीं है। प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फ्रीहैंड दे दिया है। प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक बाद जयराम ठाकुर ने एक धमाके दार निर्णय लेते हुए प्रदेश के दो निर्दलीय विधायकों को भाजपा में शामिल कर लिया। निर्दलियों को भाजपा में शामिल करने के निर्णय से जयराम ने भी सीधा संदेश दिया कि मिशन रिपीट करने के लिए हाईकमान ने फ्री हैंड दिया है। निर्दलीय विधायकों के भाजपा में शामिल होने से कई नेताओं के भविष्य की सियासत पर संकट के बादल छा गए हैं। प्रदेश की सियासत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बढ़ते रुतबे से अब पार्टी में ही उनके राजनैतिक विरोधियों की सियासत पर भी संकट के बादल छा गए हैं। जिससे अब परदे के पीछे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की व्यक्तिगत छवि को दागदार करने की मुहिम शुरु हो गई है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी लंबी सियासी पारी में पूरी तरह बेदाग रहे हैं। मुख्यमंत्री पद संभाले साढ़े चार साल हो गए लेकिन न तो जयराम ठाकुर पर कोई भ्रष्टाचार के दाग लगे हैं और न ही पूरी सरकार पर उंगली उठी है। समय-समय पर कभी सरकार सिस्टम पर भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठे हैं तो जयराम ठाकुर ने सख्त कार्रवाई करते हुए कदम उठाए हैं। अब चुनावी वर्ष आ गया है। जिससे छवि खराब करने के प्रयास परदे के पीछे से होने लगे हैं। सोशल मीडिया पर देखा जाए तो एक वर्ग ऐसा नजर आ रहा है जो जयराम ठाकुर की छवि को खराब करने में जुटा है। सोशल मीडिया में जयराम ठाकुर के खिलाफ पोस्ट शेयर करने वाले एकाउंट फर्जी हैं या सही, यह तो जांच का विषय है। लेकिन यह तो साफ दिखाई दे रहा है कि एक वर्ग ने जयराम ठाकुर की छवि को खराब करने की मुहिम छेड़ी हुई है। भाजपा नेताओं के बीच भी यह चर्चा का विषय है कि आखिर कौन लोग हैं जो ईमानदार छवि के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को छवि को खराब करने में जुटे हैं। यह बात तो सच है कि हर राजनैतिक पार्टी में नेताओं के बीच प्रतिद्वंदिता चलती रहती है। राजनैतिक दलों के नेताओं के बीच गुटबाजी रहती है। प्रदेश की सियासत में भी कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच गुटबाजी जारी है जो कभी कभी सार्वजनिक मंचों पर भी नजर आती है। लेकिन सार्वजनिक रुप से अपने ही पार्टी के नेता की छवि खराब करने का षड़यंत्र रचने के पीछे कौन है, इसे लेकर सवालों और कयासों का दौर जारी है।
प्रदेश की सियासत में अचानक मुख्यमंत्री पद पर जयराम ठाकुर की ताजपोशी हुई। मुख्यमंत्री बनने के बाद लगातार जयराम ठाकुर को कमजोर मुख्यमंत्री के रुप में देखा जाता रहा है। जिस पर कांग्रेसी नेता हमेशा टिप्पणी करते रहे हैं। लेकिन प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री बनने के समय से ही उड़ती रहीं हैं। चुनावी वर्ष में तो लगातार नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें लगातार उड़ती रही हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उनके राजनैतिक विरोध ही इस तरह की अफवाहें उड़ाने की पीछे हैं जो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अस्थिर कर कमजोर साबित करना चाहते हैं। नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों के पीछे यह भी साजिश होती है कि हाईकमान और जनता के बीच यह संदेश पहुंचे के सरकार का काम सही नहीं है जिससे हाईकमान मुख्यमंत्री को बदलना चाह रहा है। लंबे समय से चल रहीं ऐसे अफवाहों को नजरअंदाज कर जयराम ठाकुर लगातार अपने काम में जुटे हैं। अपनी ईमानदार छवि और काम करने के कारण ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हाईकमान की पसंद बने हुए हैं। जिसके कारण ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में आयोजित केंद्र में भाजपा सरकार के आठ साल के जश्न के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यों की प्रशंसा की और उनकी पीठ थपथपाकर राजनैतिक रुप में मजबूत प्रदान की है। प्रधानमंत्री की प्रशंसा से गदगद होकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मजबूत से साथ निर्णय लेकर मिशन रिपीट के लिए तेजी से विकास कार्यों को अंजाम देने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री को मजबूत देखकर राजनैतिक विरोधी उनकी छवि को खराब करने का षड़यंत्र रच रहे हैं लेकिन अब उनके मंसूबे कामयाब होने वाले नहीं हैं।